यूपी और हरियाणा सीमा विवाद के निस्तारण के लिए दोनों राज्यों के संबंधित जनपदों के प्रशासनिक अधिकारियों ने कवायद शुरू कर दी है। बुधवार को गंगोह में लोनिवि के निरीक्षण भवन में दोनों राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक कर किसानों की समस्याओं को सुना।
यूपी और हरियाणा की जमीन भूमि कटाव के चलते एक दूसरे के राज्यों में चली जाती है, जो दोनों प्रदेशों के किसानों के बीच लंबे समय से विवाद व मारपीट का कारण बनती रही है। सीमा विवाद के निस्तारण के लिए सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा नकुड़ तहसील से शामली तक पिलर्स लगवाए थे। इनके पुन: सर्वे का काम शुरू किया गया है। एसडीएम पूरण सिंह राणा के हस्तक्षेप से गांव शेरगढ़ टापू व उमरपुर के किसानों के भूमि विवादों का निपटारा हो चुका है। इसके रिकार्ड बनाने के काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बुधवार को निरीक्षण भवन पर दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में नकुड़ तहसील से एसडीएम पूरण सिंह राणा, तहसीलदार देवेंद्र सिंह, नायब तहसीलदार अजब सिंह राणा, गंगोह कोतवाली प्रभारी भगवत सिंह, लेखपाल सुरेंद्र कुमार, राकेश कुमार, राजेश्वर, भरत सिंह शामिल हुए, जबकि करनाल के इंद्री तहसील से नायब तहसीलदार हवा सिंह और होशियार सिंह, कानूनगो श्रवण कुमार, लेखपाल जसवीर व राजेश कुमार पहुंचे। बैठक में दोनों राज्यों के गांव मानपुर, बाधी, धुंधा मजरा, शेरगढ़ टापू आदि के किसानों से उनकी समस्याओं की बाबत जानकारी ली गई। दोनों राज्यों के ही किसानों ने विवादित जमीनों पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। नायब तहसीलदार अजब सिंह राणा ने बताया कि यूपी में खसरा-खतौनी तो हरियाणा में गिरध्वरी के नाम से नकल निकाली जाती है। हरियाणा सीमा पर स्थित जमीनों के कई जगह किसानों के गलत नाम चढ़े हैं। किसानों को सलाह दी गई कि वह अपने विवादों को सही मंच पर प्रस्तुत करें। दोनों ही प्रदेश के अधिकारी मिल कर मामले को समझ कर सही लोगों की मदद करेंगे।