तीतरों। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए मकानों की डीएम के निर्देश पर हुई बिंदुवार जांच में 119 लोग अपात्र मिले हैंखास बात यह है कि इन सभी के मकान बन जाने के बाद हुई जांच में से अपात्र पाए गए। जांच के बाद से उक्त मकान मालिकों में खलबली मची है।
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीब वर्ग के बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले निर्धन लोगों लिए चलाई गई थी, लेकिन डूडा देखरेख में शुरू की गई इस योजना जमकर मानकों के साथ और नियमों की धज्जियां उड़ाई गई, जिस पर योजना से वंचित रहे लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन अधिकारियों लापरवाही जारी रही, जिसके चलते तमाम अपात्रों को इसका लाभ दिया गया, जबकि पात्र लाभ वंचित रह गए।
बाद में जब जिलाधिकारी सहारनपुर के निर्देश पर इस योजना के तहत बने मकानों की जांच हुई तो उसमें लगभग 119 पात्र संदिग्ध माने गए। पहली डीपीआर में 248 मकान बने थे, जिनमें से 51, दूसरी डीपीआर में 372 में से 36, तीसरी मे 144 में से 23 और चौथी डीपीआर में 73 में से नौ आवास शासन के दिए गए निर्देशों के विपरीत अपात्र लोगों के पाये गये है। नगर पंचायत के माध्यम से कराई गई इस जांच से अब उक्त मकान मालिकों में हड़कंप मच गया है।
उन्हें अब इस बात की आशंका सता रही है की शासन उनसे जीएसटी सहित पूरी लागत वसूल करेगा। इनमें से कई मकान मालिक ऐसे भी हैं जिन्होंने शासन को किस्तों में पैसा लौटाने पर सहमति भी जताई है और अधिकांश अब इस जगत में लगे हैं कि किसी तरह वे लोग पात्र लोगों की श्रेणी में आ जाए या वे कार्रवाई के दायरे से बाहर रहें।
उधर, इस संबंध में पूछने पर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अल केंद्र सिंह ने बताया कि कुल 837 बने मकानों में से 119 अपात्र पहली नजर में आते हैं। उन्होंने इनकी सूची जिलाधिकारी को भेज दी है। अब आगे किस प्रकार की कार्रवाई होगी। यह वहां से निर्देश आने के बाद तय होगा उन्होंने अपना कार्य परा करके भेज दिया है।