संवाद सूत्र, बिहारीगढ़। प्रदेश सरकार द्वारा पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाकर हर घर तक स्वच्छ पेयजल देने के लिये जल निगम परियोजना के तहत घाड़ क्षेत्र के दर्जनों गांव में नलकूप लगाकर अवरहैड टैंक भी बनवाये गये हैं, जिसके बाद भी क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों को आज भी पीने के लिये पानी दरकार है, हालाकि जल निगम के अधिकारी इस परियोजना को जनपद की सबसे सुंदर बताकर बेहतर सेवा प्रदान करने का दावा कर रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।
किसी गांव में कई-कई दिनों में पानी के दर्शन होते हैं, तो कहीं पूरे दिन में मात्र आधा घंटा ही सप्लाई मिल पानी है। ऐसे में आने वाले गमी के मौसम लोगों की प्यास कैसे बझेगी यह बड़ा सवाल है। _करीब पांच वर्ष पूर्व जल निगम सहारनपुर द्वारा जल निगम परियोजना के तहत कस्बे सहित घाड़ क्षेत्र के बादशाहपुर, नरोत्तमगढ़, इस्माईलपुर, टांडा मिश्री सहित क्षेत्र के कई गांव में जल निगम के नलकूप लगाकर अवर हैंड टैंक भी बनवाये गये थे। कुछ नलकूपों में सोलर प्लाट भीलगाये गये थे, ताकि बिजली की किल्लत के चलते लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सके, लेकिन पांच वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भी यह परियोजना परवान नही चढ़ सकी ।
पांच साल के इंतजार व सरकार द्वारा करोड़ों रूपये खर्च के बाद भी लोगों के घरों तक पीने का पानी नहीं पहुंच सका है। भले ही जल निगम के अधिकारी बेहतर सेवा प्रदान करने के दावे कर रहे हों, लेकिन गांव के लोगों की जुबानी कुछ और ही है।
गांव टांडा मिश्री निवासी ऋषिपाल, इरफानअब्दुल रहमान आदि का कहना है कि 24 घंटे में मात्र आधा घंटा ही पानी की सप्लाई मिल पाती है। इस संबंध में जल निगम के सहायक अभियंता सुदेश गुप्ता से बात की तो उन्होंने इस योजना को जनपद की सबसे बेहतर योजना बताया, लोगों को पानी की सप्लाई मिलने की बात पूछने पर उन्होंने कहा कि कर्मचारियों दिखवाकर व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाएगा।