जैन मिलन अधिवेशन में जैन समाज की घटती जनसंख्या पर मंथन और चितन किया

मुजफ्फरनगर। भारतीय जैन मिलन अधिवेशन में जैन समाज की घटती जनसंख्या पर मंथन और चितन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि जैन समाज के लोग गोत्र में बंट रहे हैं, जो सही नहीं है। आह्वान किया कि गोत्र न लिखकर केवल नाम के आगे जैन ही लिखा जाए। साथ ही राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की अपील की गई।



श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना में भारतीय जैन मिलन का दो दिवसीय 54वां केंद्रीय अधिवेशन शनिवार को शुरू हुआ। देशभर से जैन समाज के लोग कार्यक्रम में पहुंचे। महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जैन 'रितुराज' ने ध्वजारोहण करके किया। प्रवीण जैन ने फीता काटकर मंच का उद्घाटन किया। राजेश कुमार जैन, नरेंद्र जैन, संजय जैन, राजीव जैन ने दीप प्रज्वलित किया। मुख्य अतिथि सुरेश जैन 'रितुराज' ने कहा कि देश में जैन मतावलम्बी करोड़ों की संख्या में हैं, जिनमें मुंबई में 40 लाख से अधिक जैन हैं। जैन समाज की संख्या कम होती जा रही है। इसकी मुख्य वजह कई हैं। देखा जा रहा है कि जैन होने के बावजूद नाम के आगे जैन नहीं लिखा जा रहा है।


जैन समाज के लोग गोत्र का प्रयोग कर रहे हैं। इससे जैन होने का पता नहीं चल पाता है। इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों में जैन समाज का प्रतिनिधित्व तेजी से कम हुआ है, जिस पर मंथन करने की जरूरत है। जैन समाज की राजनीतिक भागीदारी बढ़ती चाहिए। साथ ही राष्ट्रीय जनगणना में जाति व धर्म के कॉलम के आगे गोत्र के बजाय जैन लिखा जाना चाहिए। विशिष्ठ अतिथि नरेंद्र जैन ने विभिन्न शाखाओं की प्रगति रिपोर्ट रखी। आगामी कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुभाष जैन ने की। इस दौरान मनमोहन जैन, जयचंद जैन, वाईके जैन, अजय जैन, हर्ष जैन, अनिल जैन, आदीश जैन, दीपांशु जैन, सचिन जैन, बिजेंद्र जैन, विरेंद्र जैन, सुभाष जैन, पंकज जैन, दिनेश जैन आदि मौजूद रहे।