मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस को लेकर चारों ओर भय का माहौल है। खांसी, जुकाम, बुखार होने पर लोगों के पैर नीचे से जमीन खिसक रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग इन सब से बेपरवाह है। घातक वायरस की जांच की अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। आए दिन 100 से अधिक मरीज खांसी, बुखार व जुकाम से पीड़ित अस्पताल पहुंच रहे हैं। चिकित्सक विदेश से आने वालों को ही संदिग्ध मान रहे हैं।
कोरोना वायरस को लेकर शासन-प्रशासन सतर्कता बरतने पर बल दे रहा है। खानपान के साथ साफ-सफाई और बार-बार सेनेटाइजर से हाथ धोने की हिदायत दी जा रही है। 22 मार्च तक स्कूल-कालेज बंद कर दिए गए हैं। जनपद में होने वाली बड़े कार्यक्रमों पर भी कोरोना का असर दिखाई दिया है। अधिकांश कार्यक्रम रद कर दिए गए हैं। शिक्षण संस्थाओं में बायोमेट्रिक मशीन पर पाबंदी लगाई गई है। शिक्षकों के हाथ मिलने की भी मनाही की गई है। शहर और देहात में खुले में मांस, मछली की बिक्री पर रोक लगाई है। सीएमओ कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इन सब के बावजूद अस्पताल में कोरोना से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। आइसोलेशन वार्ड की स्थापना जरूर की गई है, लेकिन जांच के लिए प्रयोगशाला नहीं है। मास्क भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है। मरीज समेत अधिकांश कर्मचारियों को मास्क उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं। अस्पताल में आए दिन 500 से अधिक लोग आते हैं। ओपीडी समेत दवा वितरण खिड़की पर लंबी लाइन लगती है। वार्डों में भर्ती मरीजों से मिलने वालों की भी भीड़ लगी है। इन सब के बावजूद कोरोना वायरस से सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।
सीएमएस पंकज अग्रवाल का कहना है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए शासन स्तर से दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसके साथ ही कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। अभी तक जनपद में कोरोना वायरस का कोई केस नहीं मिला है।
सोशल मीडिया पर डरा रहा कोरोना
कोराना को लेकर सोशल मीडिया पर खूब मैसेज, वीडियो और पोस्ट शेयर की जा रही है। देशी-विदेशी वीडियो देख लोगों में भय पैदा हो रहा है। कोरोना के लक्षण, बचाव के उपाए, दवाएं और घरेलू उपचार को लेकर नागरिक इंटरनेट पर खोज कर रहे हैं।